छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाएं
नरूवा गरवा घुरवा अऊ बाड़ी कार्यक्रम -
प्रारंभ - सुराजी ग्राम योजना (नरूवा गरवा घुरवा और बाड़ी) 8 फरवरी
2019 दुर्ग जिले से।
नारा -
छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारीनरूवा गरवा घुरवा अऊ बाड़ीऐला बचाना है संगवारी
उद्देश्य - ग्रामीण कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने हेतु तथा
ग्राम में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन अर्थात् नरूवा यानि नदी-नाला, गरवा यानि
पशुधन, घुरवा यानि जैविक खाद और बाड़ी यानि घर की बाड़ी में साग-सब्जी, फल
उत्पादन के सम्पूर्ण विकास से किसानों के आमदनी को बढ़ाना और राज्य में
द्विफसली उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है।
क्रियान्वयन - राज्य शासन द्वारा इस महत्वपूर्ण अभियान के मैदानी
स्तर पर क्रियान्वयन हेतु विभिन्न विभागों को सम्मिलित रूप से जोड़ा गया है
जिसमे कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग के साथ-साथ वन विभाग, पंचायत एवं
ग्रामीण विकास विभाग, जल संसाधन विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को
शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत 912 नालों पर नरवा उपचार के लिए
20810 काम स्वीकृत किए गए हैं एवं 1900 गौठानों का निर्माण (बजट 2020-2021 के
अनुसार) पूर्ण हो चुका है। घुरवा का उपयोग कर 3 लाख 16 हजार मिट्रिक टन जैविक
खाद का उत्पादन किया जा चुका है। डेढ़ लाख बाड़ियों को पुनजीर्वित करने का काम
हुआ है।
गो-धन न्याय योजना -
उद्देश्य - गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने तथा खुले में
चराई की रोकथाम तथा सड़कों एवं शहरों में जहाँ-तहाँ आवारा घूमते पशुओं के
प्रबंधन एवं पर्यायवरण की रक्षा के लिए यह योजना छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू
की गई योजना है।
प्रारंभ - छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी गो-धन न्याय योजना की
शुरूवात 20 जुलाई 2020 से पूरे प्रदेश में हरेली महापर्व के अवसर पर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा रायपुर से किया गया है। राज्य की महत्वकांक्षी
कार्यक्रम नरूवा गरवा घुरवा और बाड़ी के स्वीकृत गौठानों को रोजगारन्मुख बनाने
हेतु “गो-धन न्याय योजना” शुरू की गई है। प्रदेश में 5300 गौठान स्वीकृत किए
जा चुके हैं। जिसमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 2408 तथा शहरी क्षेत्रों में
377 गौठान बन चुके हैं।
प्रदेश में स्थापित गौठानों में गोवंशीय और भैंसवंशी पशुपालकों
से गौठान समितियों के माध्यम से गोबर क्रय कर इससे वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य
उत्पाद तैयार किया जा रहा है।
गो-धन योजना के लाभ -
- इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होगी।
- गौ-पालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा।
- खुली चराईं पर रोेक लगेगी।
- पशु पालकों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
मंत्रीमण्डलीय समिति द्वारा गौठान ग्राम में पशुपालकों से 1.5
रूपये प्रति किलो के दर से गौवंशीय और भैंसवंशीय के गोबर क्रय की अनुशंसा की
गई थी। मंत्रिपरिषद् की बैठक में गोबर के क्रय की दर को 2 रू प्रति
किलो परिवहन व्यय सहित किया गया है। योजना में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट का
सहकारी समितियों के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर किसानों को 8 रू प्रति
किलो की दर से विक्रय किए जाने के साथ ही प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के
अल्पकालीन कृषि ऋण के अर्न्तगत जैविक खाद को शामिल किया गया है।
क्रियान्वयन - गो-धन न्याय योजना के तहत 1 अगस्त 2021 तक राज्य में
कुल 4140 गौठानों के पंजीकृत 65694 हितग्राहियों में से 46964 हितग्राहियों
द्वारा 82711 क्विंटल गोबर का विक्रय किया गया है। जिसकी कुल राशि 2 रू प्रति
किलो की दर से 1 करोड़ 65 लाख रूपये 5 अगस्त 2021 को दिवंगत कांग्रेस नेता
महेन्द्र कर्मा के जन्म दिवस के अवसर पर पशुपालकों को भुगतान किया गया
है।
छत्तीसगढ़ किसान कर्ज माफी योजना -
उद्देश्य -
- किसानों का आर्थिक तथा सामाजिक उन्नयन करना है।
- किसानों का सशक्तिकरण करने में मदद करना।
इस योजना के तहत 16 लाख 65 हजार से ज्यादा किसानों का 6100 करोड़ रूपये से
अधिक का कर्ज माफ किया गया है। 30 नवम्बर 2018 की स्थिति के अनुसार सहकारी
बैंक व छ.ग. ग्रामीण बैंक के कृषकों के अल्पकालीन ऋण को माफ कर दिया गया है।
राज्य में किसान का 2 लाख रू. तक का ऋण माफ किया गया है। इस योजना के अनुसार
सिर्फ खेती के लिए उठाए गए कर्ज को माफ किया जाएगा।
डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना -
प्रारंभ - 15 नवंबर 2019 से शुरू किया गया है।
इस योजना में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाली सभी योजनाएं इस योजना में
समाविष्ट की गई है तथा 1 जनवरी 2020 से पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है
जिसमें तीन केन्द्र सरकार द्वारा संचालित योजना आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री
जन आरोग्य योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना (चिरायु) हैं।
इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना,
मुख्यमंत्री बाल हृदय सुरक्षा योजना मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना एवं संजीवनी
सहायता कोष इस योजना में समाविष्ट की गई है। इसके अन्तर्गत 20 लाख रू. तक का
इलाज कराया जा सकता है।
लाभार्थी - इस योजना में आयुष्मान भारत में शामिल परिवार के साथ
प्राथमिक व अन्त्योदय राशनकार्डधारी परिवारों को 5 लाख रू. तथा अन्य
राशनकार्डधारी परिवारों को 50 हजार रूपये तक का निःशुल्क इलाज की सुविधा
प्राप्त कर सकता है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान -
प्रारंभ - 2 अक्टूबर 2019, बस्तर से प्रारंभ
महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर यह अभियान 0-5 वर्ष के बच्चों, 15-49 वर्ष
के बालिकाओं, महिलाओं के लिए कुपोषण तथा एनीमिया से मुक्ति का लक्ष्य रखा गया
है। आंगनबाड़ी, स्कूलों के अलावा पहुँच के स्थानों पर जिला प्रशासन द्वारा
चिन्हित वितरण केन्द्रों में आयरन, कृमि नाशक दवाएँ, दूध, फल, अण्डा आदि
पौष्टिक आहार आदि वितरित किए जाऐंगे।
छत्तीसगढ़ सार्वभौम पी.डी.एस. प्रदाय योजना -
प्रारंभ तिथि - 2 अक्टूबर 2019, बस्तर
इस योजना में प्रति राशनकार्ड 35 किलो चावल दिया जाएगा। ए.पी.एल. परिवारों
को 10 रू. प्रति किलो की दर से चावल वितरण हेतु राशनकार्ड का वितरण प्रारंभ
किया गया है। ज्ञात हो कि इससे पहले केवल बी.पी.एल परिवारों के लिए ही यह
योजना की पात्रता थी। बी.पी.एल को 6वें सदस्य से प्रति सदस्य 7 किलो अतिरिक्त
चावल दिए जाने का प्रावधान है। गाँवों की तरह शहरी गरीबों को मिट्टी तेल,
आदिवासी अंचलों में निःशुल्क नमक, प्रोटीन युक्त पोषण हेतु चना, बस्तर
क्षेत्र में दो किलो गुड़ वितरित किए जाने का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना -
प्रारंभ - 2 अक्टूबर 2019
दुरस्थ अंचलों विशेषकर आदिवासी अंचलों में अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य
सुविधाएँं पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है, साथ ही साप्ताहिक हाट
बाजारों में नियमित स्वास्थ्य सेवाएँ, जाँच, उपचार एवं दवाएँ उपलब्ध कराई
जाएंगी। गंभीर मरीजों को बड़े केन्द्रों में भेजने की सुविधा की जाएगी।
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मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना -
प्रारंभ - 2 अक्टूबर 2019
शहरी स्लम बस्ती में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच सुनिश्चित करते हुए
ओ.पी.डी. समेत विभिन्न जाँच एवं उपचार की सुविधाएँ उपलब्ध कराने व आवश्यक
दवाइयों के स्थल पर वितरण का लक्ष्य रखा गया है। विद्यमान अस्पतालों से दूरी
पर केन्द्रों का संचालन शुरू किया गया।
मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय योजना -
प्रारंभ - 2 अक्टूबर 2019
इस योजना के अन्तर्गत नगरीय निकायों के विभिन्न वार्डों में शहरी नागरिकों
की बुनियादी समस्याओं का निराकरण वार्ड स्तर पर करने का लक्ष्य है। इसके
माध्यम से समय सीमा में स्वच्छता, पर्यावरण, स्ट्रीट लाईट, जल, सामुदायिक
आरक्षण भवन आदि सभी कार्यों का तथा जन समस्याओं का निराकरण करना है। इस योजना
हेतु 5 करोड़ रू. की राशि आबंटित की गई है।
राजीव गाँधी किसान न्याय योजना -
प्रारंभ - 21 मई 2020 (राजीव गाँधी की शहादत पुण्यतिथि)
इस योजना के तहत धान, मक्का, गन्ना के 19 लाख किसानों को 5700 करोड़ रू की
राशि 4 किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की जाएगी। किसानों को
सहकारी समितियों के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 9000 रू.
प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाएगी। धान के अलावा अन्य फसल जैसे ज्वार,
बाजरा, रागी, मूँग आदि लेने पर 10 हजार रू. प्रति एकड़ सहायता राशि दिए जाना
है। इस योजना की शुरूवात पहले दिन प्रथम किश्त के 1500 करोड़ रू. 19 लाख
किसानों के खातों मेें सीधे अंतरित किए गए थे।
शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना -
प्रारंभ - 5 अगस्त 2020 (महेन्द्र कर्मा का जन्मदिवस)
इस योजना का मुख्य उद्देश्य तेन्दूपत्ता संग्राहकों को सामाजिक व आर्थिक
सुरक्षा प्रदान करना है, इस योजना को छत्तीसगढ़ लघुवनोपज संघ द्वारा छ.ग. वन
विभाग के साथ शुरू किया गया है। इस योजना के तहत 12.5 लाख तेन्दूपत्ता
संग्राहकों को लाभ मिलेगा। घर के मुखिया (50 वर्ष के कम) के सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रू. तक और दुर्घटना से
मृत्यु होने पर 2 लाख रू. अतिरिक्त राशि दी जाएगी। इसके अलावा दुर्घटना में पूर्ण
विकंलागता की स्थिति में 2 लाख रू. और आंशिक विकंलागता की स्थिति में 1 लाख
रू. तक की सहायता राशि दी जाएगी।
उम्मीद है कि आपको यह छ.ग. योजना से जुड़ा नोट्स पंसद आया होगा। इन सभी योजनाओं
में से किसी भी योजना में और अधिक जानकारी के लिए हमें comment कर सकते है। इस
topic से छत्तीसगढ़ प्रतियोगी परिक्षाओं में अनेक प्रश्न पूछे गए है। चूंकि सभी
योजनाओं को एक साथ सम्मिलित करना कठिन है। अगले article में अन्य
छ.ग. की अन्य योजनाओं (Part-2) का article
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प्रश्न - डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से लोग कैसे लाभान्वित हो रहे हैं?
- CGPSC Mains 2019
प्रश्न - छत्तीसगढ़ शासन की नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी योजना के बारे में लिखिए।
- CGPSC Mains 2019
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Article by - Vivek