छत्तीसगढ़ सरकारी योजनाएँ (Part-2) | CG Government Schemes in hindi for cgpsc

छत्तीसगढ़ सरकारी योजनाएँ  (Part-2)

पिछले article में हमने छत्तीसगढ़ की योजना से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में जाना था। साथ ही साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण योजनाएँ इस article में साझा की जा रही है। इस article में हम वर्ष 2019-20 से संबंधित कुछ योजनाओं के बारे में जानेंगे।

छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाएँ  (Part-2) | CG Government Schemes (Part-2)

    मुख्यमंत्री मितान योजना

    प्रारंभ - 15 अगस्त 2020

    यह छ.ग. का एक डोर स्टेप डिलीवरी योजना है। जिससे नगरीय क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों को 100 से अधिक सरकारी सेवाएँ जैसे Driving License, राशन कार्ड, Caste Certificate, पेंशन सुविधा आदि का लाभ घर के दरवाजे पर उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत 8000 से 10000 युवा बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किए जाने का लक्ष्य है। इसके लिए टॉल फ्री नंबर 14545 शुरू किया गया है, जिससे लोग नंबर डॉयल कर घर पर ही सर्विस का लाभ ले सकेंगे। इसके लिए सरकार ने 10 करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान रखा है।

    इंदिरा वन मितान योजना -

    प्रारंभ - 9 अगस्त 2020

    उद्देश्य - इस योजना की शुरूआत विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर वनवासियों को खुशहाल और वनांचल के गाँवों को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

    • इस योजना से अनुसूचित क्षेत्रों के 10 हजार गाँवों के 19 लाख परिवारों के युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
    • युवाओं के समूह गठित करके उनके माध्यम से वन आधारित समस्त आर्थिक गतिविधियाँ संचालित की जाएगी। जिसमें प्रत्येक समूह में 10-15 सदस्य होंगे।
    • समूहों के माध्यम से वृक्ष प्रबंधन, वन क्षेत्रों के वृक्षों से वनोपज संग्रहण कर, वनों में इमारती लकड़ी की बजाय फलदार व वनौषधि पौधे लगाएं जाऐंगे।
    • वनोपज की marketing की व्यवस्था के साथ अनुसूचित क्षेत्रों के 85 विकासखण्ड में वनोपज प्रोसेसिंग प्रसंस्करण केन्द्रों की स्थापना (1 unit का 10 लाख रू. की लागत अनुमान) की जाएगी।

    राजीव युवा मितान क्लब -

    प्रारंभ - जनवरी 2021

    तीन दिवसीय युवा महोत्सव 12-14 जनवरी 2021, स्वामी विवेकानंद की जंयती के अवसर पर। प्रदेश भर के प्रत्येक गाँव में राजीव युवा मितान क्लब खोलने की घोषणा की गई। इसके अर्न्तगत 15-40 वर्ष के मध्य युवा शामिल हो सकेंगे। इसमें युवा कला, संस्कृति, खेल आदि क्षेत्रों से संबंधी योजना के बारे में जानकारी मिलेगी। क्लब की सदस्यता लेकर इसका लाभ प्राप्त कर सकते है। जिसे चलाने हेतु हर महीने 10,000 रू. लाभ दिया जाएगा। इस क्लब के संचालन के लिए 132 करोड़ रूपये की राशि प्रति वर्ष खर्च करने का प्रावधान है।

    मोर-जमीन मोर-मकान योजना -

    प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छत्तीसगढ़ प्रदेश में घर बनाने के लिए मोर जमीन मोर मकान योजना की शुरूआत की गई है। इसके तहत छ.ग. सरकार शहरी गरीब परिवारों को दो कमरे का पक्का मकान देने के लिए इस योजना के तहत 40,000 अतिरिक्त आवास बनाएगी। इसके अलावा मोर आवास मोर चिन्हारी के तहत अब किरायेदारों को भी न्यूनतम दर पर आवास उपलब्ध कराया जाएगा।

    मोर छत मोर बिजली योजना -

    प्रारंभ - 1 मई 2019, रायपुर

    इस योजना के अन्तर्गत छ.ग. राज्य के 300 सरकारी भवनों में सोलर सिस्टम लगा कर बिजली उत्पादन कर खपत करना है। छ.ग. सरकार ने 2022 तक राज्य में 600 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है।


    पौनी पसारी योजना -

    प्रारंभ - 23 अगस्त 2019, दंतेवाड़ा

    इस योजना का उद्देश्य नगरीय निकायों के बाज़ारों में परम्परागत और स्थानीय व्यवसायों को एकजुट कर उन्हें बढ़ावा देना है। साथ ही इन स्थानीय व्यवसायों को सुदृढ़ीकरण कर रोजगार सृजन करना है। यह योजना सभी 168 नगरीय निकायों में प्रारंभ की गई है, जिसमें प्रति इकाई 30 लाख की लागत से 255 पौनी पसारी बाज़ारों का निर्माण किया जाएगा। इन बाजारों में स्थानीय लोहार, बढ़ई, बुनकर एवं बाँस के सामान चटाई आदि की खरीदी ब्रिकी की जाएगी, जिसमें 50 प्रतिशत शेड महिलाओं के लिए आरक्षित रखा जाएगा।

    पढ़ई तुहँर दुआर -

    छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल विभाग ने NIC की सहायता से online पढ़ाई के लिए एक portal तैयार किया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग की website- www.cgschool.in पर कक्षा 1 से 10वीं तक के student की पढ़ाई के संसाधनों को इसमें उपलब्ध कराया गया है। इसके जरिए लाखों छात्र बिना किसी शुल्क के online पढ़ाई कर सकेगें एवं e-class होने की वजह से हर पाठ्यक्रम को बार-बार देखकर सीखा जा सकेगा।

    इस योजना को आगे बढ़ाते हुए गाँवों में समुदाय की मदद से बच्चों को पढ़ाने के लिए पढ़ई तुहँर पारा योजना की विशेष कर internet के अभाव वाले अँचलों के लिए प्रारंभ की जा रही है, इसके लिए Bluetooth आधारित व्यवस्था 'बूल्टू के बोल' का उपयोग किया जा रहा है।


    सीख या चकमक अभियान -

    पालकों, समुदाय की मदद से बच्चों को कोरोना संकट काल में सीखने की प्रक्रिया में कोई बाधा ना आए इस उद्देश्य से राज्य शासन, UNICEF और राज्य सारक्षता मिशन की साझेदारी से शुरू की गई है। इसका क्रियान्वयन तमनार, रायगढ़ जिले से हो रही है।

    बिजली बिल हॉफ योजना -

    प्रारंभ - 1 मार्च 2019, रायपुर

    इस योजना के अन्तर्गत छ.ग. के समस्त उपभोक्ताओं को प्रति 400 यूनिट से कम बिजली खपत पर आधा बिजली बिल देय किए जाने संबंधी योजना है। इस योजना से आम जनता को अधिक बिजली बिल से राहत मिलेेगा।
    वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए नई दरें लागू -

    1.राइस मिल और चिकित्सा क्षेत्र नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, अस्पतालों क्षेत्र के उपभोगताओं को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत छूट यानी प्रति यूनिट 30-35 पैसे छूट दी गई है।
    2.स्टील उद्योग को लोड फैक्टर रिबेट में बदलाव के कारण प्रति यूनिट 45 पैसे अतिरिक्त देने होंगे।

    102 महतारी एक्सप्रेस -

    गर्भवती महिलाओं द्वारा स्वास्थ्य संबंधी लाभ लेने के लिए यह स्वास्थ्य सेवा संचालित है, जिसमें 370 एम्बुलेंस 24×7 सेवा प्रदान करता है।

    इस योजना से दूरस्थ अंचलों में जहाँ दुर्गम वनांचलों स्थलों से पहुँच पाना संभव ना हो उस क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को बेहतर चिकित्सा हेतु परिवहन सुविधा उपलब्ध होंगी। इसके लिए सरकार ने टॉल फ्री नंबर 102 की शुरूआत की गई है। इससे शिशु लिंगानुपात में सुधार होने में मदद मिलेगी।

    पढ़ना-लिखना अभियान -

    छ.ग. में पूर्ण साक्षरता के लिए केन्द्र सरकार ने यह अभियान शुरू की गई है। इसमे राज्य के 10 आकंक्षी जिलों जहाँँ पर साक्षरता की दर बहुत कम है, वहाँ स्वयंसेवी शिक्षकों की माध्यम से अशिक्षितों को पढ़ाया जाएगा।

    आजीविका अँगना -

    प्रारंभ - 1 अगस्त 2019, मनियारी, तखतपुर और बिलासपुर में।

    आजीविका अँगना Multiactivity Center में एक ही परिसर में स्वरोजगार की अनेक गतिविधयाँ संचालित कर आजीविका संवर्धन करना है। यहाँ अँगना में जूट बैग की सिलाई, अगरबत्ती, एल.ई.डी. बल्ब, सेनेटरी पैड आदि बनाने संबंधी काम किया जा रहा है, तथा बाहर में पेवर ब्लॉक, सीमेंट पोल, फेंसिंग बनाने का काम शुरू किया गया है। प्रदेश का पहला आजीविका अँगना तखतपुर में शुरू किया गया है।

    मेहरार-चो-मान -

    यह पहल नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले से शुरू हुई है। जिसका नाम है 'मेहरार चो मान' यानी 'महिलाओं का सम्मान'। इस समूह की महिलाएँ सेनेटरी नेपकिन बनाती है व इसे जरूरतमंद महिलाओं को निःशुल्क बाँटती है। साथ ही स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान भी चलाती है। इस कार्यक्रम में महिला व बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग के साथ स्वयं सहायता समूह की लगभग 4000 महिलाएँ जुड़ी हुई है जो इस अभियान को सफलतापूर्वक संचालित कर रहीं हैं।



    So friends how do you like this Chhattisgarh schemes related part-2 article!! tell us on our comment section. Share and subscribe to our articles and notes with your family and friends. For more such information visit - Gyaan INside

    Thank you for reading this Article

    Have a Nice Day

    Your Gyaan INside

    Article by - VIVEK 



    Vivek

    Hi! I am a Content Developer in Gyaan INside and also work on website SEO.

    Post a Comment

    Previous Post Next Post